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सूर्य का कन्या राशि मे गोचर फल

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*सूर्य का कन्या राशि में गोचर* वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नव ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है। वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है अत: सूर्य के बिना जीवन संभव नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा और पिता का कारक माना गया है इसलिए कुंडली में सूर्य को पूर्वजों का प्रतिनिधि कहा जाता है। सूर्य प्रधान जातक सरकारी और अन्य सेवाओं में बड़े पदों पर आसीन रहते हैं। सूर्य ग्रह 17 सितंबर 2017 (रविवार) को रात्रि 12:55 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा। सूर्य इस राशि में 17 अक्टूबर 2017 (मंगलवार) को दोपहर 12:50 बजे तक स्थित रहेगा। निश्चित ही सूर्य के इस गोचर का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा। उन तमाम प्रभावों का उल्लेख नीचे आपकी राशि के अनुसार दिया जा रहा है साथ ही शुभ और उत्तम फल की प्राप्ति के लिए प्रभावी उपाय बताए गए हैं।  यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है *मेष* *सूर्य आपकी राशि से षष्ठम भाव* में गोचर करेगा। सूर्य की यह स्थिति आपके लिए सकारात्मक रहेगी। इस दौरान आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। वहीं आपके साहस और बल के कारण शत्रु भयभीत महसूस करेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छी तैयारी के कारण आप सफल रहेंगे। कार्य क्षेत्र में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे और सीनियर्स भी आपके काम से ख़ुश रहेंगे। गोचर के दौरान आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। सरकार की किसी योजना से आप लाभान्वित हो सकते हैं। निजी जीवन में भी ख़ुशियाँ बनी रहेंगी। *वृषभ* *सूर्य आपकी राशि से पंचम भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान आप असमंजस की स्थिति में रह सकते हैं और बड़े निर्णय लेने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र में सीनियर्स के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं, कोशिश करें कि सीनियर्स के साथ आपके रिश्ते मधुर रहें। समाज में भी कुछ लोगों से आपका विवाद संभव है। बच्चों की सेहत का पूरा ध्यान रखें। जीवनसाथी को गोचर के अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। करियर में उन्हें ज़बरदस्त सफलता मिलने के योग हैं। यात्राओं का परिणाम आपके लिए प्रतिकूल रहेगा। वैसे कुल मिलाकर गोचर आपके लिए अच्छा है। *मिथुन* *सूर्य आपकी राशि से चतुर्थ भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान आपको मानसिक तनाव तथा स्वास्थ्य में कमज़ोरी रह सकती है। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए मनोरंजन का सहारा लिया जा सकता है। माता जी के स्वास्थ्य में भी कमी देखी जा सकती है इसलिए उनकी सेहत की देखभाल ज़रुरी है। घर में परिजनों के साथ किसी बात को लेकर आपका मनमुटाव हो सकता है इसलिए ऐसे मुद्दों पर ज़्यादा ध्यान न दें जिससे घर की शांति भंग हो। यदि ज़्यादा ज़रुरी न हो तो यात्रा को टाला जा सकता है। वहीं वैवाहिक जीवन में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में गोचर का लाभ मिलेगा। *कर्क* *सूर्य आपकी राशि से तृतीय भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान स्वास्थ्य की दृष्टि से गोचर आपको सकारात्मक परिणाम देने वाला है। भौतिक सुख सुविधाओं का आप आनंद लेंगे। अपने लक्ष्य के प्रति आपकी इच्छा शक्ति में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में आप सराहनीय कार्य करेंगे जिससे सीनियर्स भी आपके काम से ख़ुश रहेंगे। उच्च अधिकारियों से आपके रिश्ते बनेंगे। समाज में भी प्रतिष्ठित लोगों के साथ आपका उठना-बैठना होगा। छोटी दूरी की यात्राएं आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। इसके अलावा दोस्तों और भाई-बहनों की मदद से आपको आर्थिक लाभ मिल सकता है। विरोधियों पर आपका भय बना रहेगा। समाज में भी आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी पदोन्नति की प्रबल संभावना है। लोगों के प्रति आपका व्यवहार मधुर और सौम्य रहेगा। *सिंह* *सूर्य आपकी राशि से द्वितीय भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान आपको थोड़ा संभलकर चलना होगा। कठोर शब्द बोलकर किसी की भावना को आहत न करें, बल्कि सभी से प्रेम से बातचीत करें। गोचर की अवधि में आपको शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बुखार, सिरदर्द और आँखों में संक्रमण जैसी समस्या से गुज़रना पड़ सकता है। परिवार में किसी बात को लेकर झगड़ा भी हो सकता है। घर में परिजनों के बीच सामंजस्य बिठाने का प्रयास करें। गोचर के दौरान जीवनसाथी का स्वास्थ्य कुछ कमज़ोर रह सकता है अतः उनकी सेहत का ख़्याल रखें। धन के लेन-देन में सावधानी बरतें। दोस्तों और रिश्तेदारों से किसी बात पर आपका मनमुटाव हो सकता है, हालाँकि ऐसे मामलों को ज़्यादा तूल न दें। निजी जीवन से जुड़ी समस्याएँ आपके लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। तनाव से बचने के लिए मनोरंजन का सहारा लिया जा सकता है। *कन्या* *सूर्य आपकी राशि में गोचर करेगा और यह आपके प्रथम भाव* में स्थित होगा। इस दौरान धन के लेन-देन में सावधानी बरतें और ऐसा कोई काम न करें जिससे समाज में आपकी मानहानि होती हो। गोचर की अवधि में बुखार, सिरदर्द, अपच और आँख में किसी प्रकार का संक्रमण आदि हो सकता है इसलिए अपनी सेहत का ख़्याल रखें। काम के वक़्त आपको आलस आ सकता है और इसी वजह से आपके काम लंबित रह सकते हैं। वहीं काम के चलते आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है। तनाव और अहंकार आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए हमेशा इनसे बचें। विदेशr संबंधों से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। *तुला* *सूर्य आपकी राशि से द्वादश भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। काम के चलते घर से दूर भी रहना पड़ सकता है। आप किसी हिल स्टेशन पर जाने की योजना बना सकते हैं। इस बीच अपनी सेहत का भी पूरा ध्यान रखें। गोचर की अवधि में आपका ख़र्चा थोड़ा बढ़ सकता है। अनुचित कार्यों को न करें वरना आपकी मानहानि संभव है। अपने विरोधियों से भी सावधान रहें। दोस्तों से किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है परंतु आप बात को ज़्यादा न बढ़ाएँ। *वृश्चिक* *सूर्य आपकी राशि से एकादश भाव* में संचरण करेगा। सूर्य की यह स्थिति आपके लिए सकारात्मक रहेगी। विभिन्न स्रोतों से आपको लाभ मिलने के योग हैं। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होने की संभावना है और शत्रुओं पर आप विजय प्राप्त करेंगे। दान-धर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ कर्मियों का सहयोग और उनका मार्गदर्शन आपको प्राप्त होगा। इसके अलावा सूर्य के इस गोचर के दौरान कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। पिता के आशीर्वाद और उनकी प्रेरणा से आप जीवन की राह पर आगे बढ़ेंगे। *धनु* *सूर्य आपकी राशि से दशम भाव* में स्थित होगा। इस दौरान कार्य क्षेत्र में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जैसे- नौकरी में आपकी पदोन्नति और आय में वृद्धि हो सकती है। सरकार की ओर से भी लाभ मिलने के शुभ संकेत हैं। आर्थिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से गोचर आपके लिए शुभ होने के संकेत दे रहा है। समाज में प्रभावी व्यक्तियों से आपके संबंध बनेंगे और समय आने पर उनके द्वारा आपको लाभ मिल सकता है। अपने कार्य में आपको सफलता मिलेगी। वहीं सोसायटी में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। *मकर* *सूर्य आपकी राशि से नवम भाव* में गोचर करेगा। इस अवधि में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। अनैतिक और ग़ैरक़ानूनी कामों से दूर रहें वरना समाज में आपका मान-सम्मान गिर सकता है। पैसों की लेन-देन में सावधानी बरतें, वरना आपको धन की हानि हो सकती है। पिताजी के साथ किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। आपकी सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है इसलिए अपनी सेहत पर पूरी तरह से ध्यान दें और मानसिक तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें। किसी मुद्दे पर वरिष्ठ जनों से वैचारिक मतभेद होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ सकता है। *कुंभ* *सूर्य आपकी राशि से अष्टम भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान किसी कारण आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ऐसा कोई भी काम न करें जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो। आपके पिछले कर्मों का फल आपको इस गोचर के दौरान मिलने वाला है। शत्रुओं से आपका सामना हो सकता है। यदि बल और बुद्धि दोनों से दुश्मन का सामना करते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अन्यथा किसी रोग का सामना करना पड़ सकता है। ग़ैरक़ानूनी काम से दूर रहें। इस अवधि में जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से गुज़रना पड़ सकता है। अप्रत्याशित ख़र्चे भी आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है इसलिए धन का ख़र्च सोच समझकर करें और बचत पर ज़्यादा ध्यान दें। *मीन* *सूर्य आपकी राशि से सप्तम भाव* में जाएगा। इस दौरान जीवनसाथी से मतभेद होने के संकेत हैं। अहंकार आपके वैवाहिक रिश्ते में खटास पैदा कर सकता है, इसलिए इसका त्याग करें। इसके अलावा गोचर के दौरान जीवनसाथी और बच्चों की सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है अतः उनकी सेहत पर भी ध्यान दें। व्यापार के लिए परिस्थितियाँ आपके लिए अनुकूल नहीं है। बिज़नेस पार्टनर के साथ किसी तरह का विवाद हो सकता है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। यात्रा के दौरान आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। अपच, पेटदर्द, सिरदर्द एवं मानसिक तनाव जैसी समस्याएँ आपको घेर सकती हैं, लिहाज़ा पहले से सेहत को लेकर सतर्क रहें।

References

ज्योतिर्विद् अभय पाण्डेय
9450537461
posted Sep 17, 2017 by anonymous

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17 सितम्बर को हुआ सूर्य का कन्या राशी में गोचर जानिए उसके फल  ज्योतिर्विद् अभय पाण्डेय 9450537461 वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नव ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है। वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है अत: सूर्य के बिना जीवन संभव नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा और पिता का कारक माना गया है इसलिए कुंडली में सूर्य को पूर्वजों का प्रतिनिधि कहा जाता है। सूर्य प्रधान जातक सरकारी और अन्य सेवाओं में बड़े पदों पर आसीन रहते हैं।       सूर्य ग्रह 17 सितंबर 2017 (रविवार) को रात्रि 12:55 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा। सूर्य इस राशि में 17 अक्टूबर 2017 (मंगलवार) को दोपहर 12:50 बजे तक स्थित रहेगा। निश्चित ही सूर्य के इस गोचर का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा। उन तमाम प्रभावों का उल्लेख नीचे आपकी राशि के अनुसार दिया जा रहा है साथ ही शुभ और उत्तम फल की प्राप्ति के लिए प्रभावी उपाय बताए गए हैं।       यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है     *मेष*   सूर्य आपकी राशि से षष्ठम भाव में गोचर करेगा। सूर्य की यह स्थिति आपके लिए सकारात्मक रहेगी। इस दौरान आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। वहीं आपके साहस और बल के कारण शत्रु भयभीत महसूस करेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छी तैयारी के कारण आप सफल रहेंगे। कार्य क्षेत्र में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे और सीनियर्स भी आपके काम से ख़ुश रहेंगे। गोचर के दौरान आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। सरकार की किसी योजना से आप लाभान्वित हो सकते हैं। निजी जीवन में भी ख़ुशियाँ बनी रहेंगी।       *वृषभ*   सूर्य आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप असमंजस की स्थिति में रह सकते हैं और बड़े निर्णय लेने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र में सीनियर्स के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं, कोशिश करें कि सीनियर्स के साथ आपके रिश्ते मधुर रहें। समाज में भी कुछ लोगों से आपका विवाद संभव है। बच्चों की सेहत का पूरा ध्यान रखें। जीवनसाथी को गोचर के अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। करियर में उन्हें ज़बरदस्त सफलता मिलने के योग हैं। यात्राओं का परिणाम आपके लिए प्रतिकूल रहेगा। वैसे कुल मिलाकर गोचर आपके लिए अच्छा है।       *मिथुन*   सूर्य आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको मानसिक तनाव तथा स्वास्थ्य में कमज़ोरी रह सकती है। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए मनोरंजन का सहारा लिया जा सकता है। माता जी के स्वास्थ्य में भी कमी देखी जा सकती है इसलिए उनकी सेहत की देखभाल ज़रुरी है। घर में परिजनों के साथ किसी बात को लेकर आपका मनमुटाव हो सकता है इसलिए ऐसे मुद्दों पर ज़्यादा ध्यान न दें जिससे घर की शांति भंग हो। यदि ज़्यादा ज़रुरी न हो तो यात्रा को टाला जा सकता है। वहीं वैवाहिक जीवन में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में गोचर का लाभ मिलेगा।       *कर्क*   सूर्य आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर करेगा। इस दौरान स्वास्थ्य की दृष्टि से गोचर आपको सकारात्मक परिणाम देने वाला है। भौतिक सुख सुविधाओं का आप आनंद लेंगे। अपने लक्ष्य के प्रति आपकी इच्छा शक्ति में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में आप सराहनीय कार्य करेंगे जिससे सीनियर्स भी आपके काम से ख़ुश रहेंगे। उच्च अधिकारियों से आपके रिश्ते बनेंगे। समाज में भी प्रतिष्ठित लोगों के साथ आपका उठना-बैठना होगा। छोटी दूरी की यात्राएं आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। इसके अलावा दोस्तों और भाई-बहनों की मदद से आपको आर्थिक लाभ मिल सकता है। विरोधियों पर आपका भय बना रहेगा। समाज में भी आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी पदोन्नति की प्रबल संभावना है। लोगों के प्रति आपका व्यवहार मधुर और सौम्य रहेगा।       *सिंह*   सूर्य आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको थोड़ा संभलकर चलना होगा। कठोर शब्द बोलकर किसी की भावना को आहत न करें, बल्कि सभी से प्रेम से बातचीत करें। गोचर की अवधि में आपको शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बुखार, सिरदर्द और आँखों में संक्रमण जैसी समस्या से गुज़रना पड़ सकता है। परिवार में किसी बात को लेकर झगड़ा भी हो सकता है।   घर में परिजनों के बीच सामंजस्य बिठाने का प्रयास करें। गोचर के दौरान जीवनसाथी का स्वास्थ्य कुछ कमज़ोर रह सकता है अतः उनकी सेहत का ख़्याल रखें। धन के लेन-देन में सावधानी बरतें। दोस्तों और रिश्तेदारों से किसी बात पर आपका मनमुटाव हो सकता है, हालाँकि ऐसे मामलों को ज़्यादा तूल न दें। निजी जीवन से जुड़ी समस्याएँ आपके लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। तनाव से बचने के लिए मनोरंजन का सहारा लिया जा सकता है।       *कन्या*   सूर्य आपकी राशि में गोचर करेगा और यह आपके प्रथम भाव में स्थित होगा। इस दौरान धन के लेन-देन में सावधानी बरतें और ऐसा कोई काम न करें जिससे समाज में आपकी मानहानि होती हो। गोचर की अवधि में बुखार, सिरदर्द, अपच और आँख में किसी प्रकार का संक्रमण आदि हो सकता है इसलिए अपनी सेहत का ख़्याल रखें। काम के वक़्त आपको आलस आ सकता है और इसी वजह से आपके काम लंबित रह सकते हैं। वहीं काम के चलते आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है। तनाव और अहंकार आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए हमेशा इनसे बचें। विदेश संबंधों से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है।       *तुला*   सूर्य आपकी राशि से द्वादश भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। काम के चलते घर से दूर भी रहना पड़ सकता है। आप किसी हिल स्टेशन पर जाने की योजना बना सकते हैं। इस बीच अपनी सेहत का भी पूरा ध्यान रखें। गोचर की अवधि में आपका ख़र्चा थोड़ा बढ़ सकता है। अनुचित कार्यों को न करें वरना आपकी मानहानि संभव है। अपने विरोधियों से भी सावधान रहें। दोस्तों से किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है परंतु आप बात को ज़्यादा न बढ़ाएँ।       *वृश्चिक*   सूर्य आपकी राशि से एकादश भाव में संचरण करेगा। सूर्य की यह स्थिति आपके लिए सकारात्मक रहेगी। विभिन्न स्रोतों से आपको लाभ मिलने के योग हैं। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होने की संभावना है और शत्रुओं पर आप विजय प्राप्त करेंगे। दान-धर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ कर्मियों का सहयोग और उनका मार्गदर्शन आपको प्राप्त होगा। इसके अलावा सूर्य के इस गोचर के दौरान कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। पिता के आशीर्वाद और उनकी प्रेरणा से आप जीवन की राह पर आगे बढ़ेंगे।       *धनु*   सूर्य आपकी राशि से दशम भाव में स्थित होगा। इस दौरान कार्य क्षेत्र में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जैसे- नौकरी में आपकी पदोन्नति और आय में वृद्धि हो सकती है। सरकार की ओर से भी लाभ मिलने के शुभ संकेत हैं। आर्थिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से गोचर आपके लिए शुभ होने के संकेत दे रहा है। समाज में प्रभावी व्यक्तियों से आपके संबंध बनेंगे और समय आने पर उनके द्वारा आपको लाभ मिल सकता है। अपने कार्य में आपको सफलता मिलेगी। वहीं सोसायटी में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा।       *मकर*   सूर्य आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। इस अवधि में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। अनैतिक और ग़ैरक़ानूनी कामों से दूर रहें वरना समाज में आपका मान-सम्मान गिर सकता है। पैसों की लेन-देन में सावधानी बरतें, वरना आपको धन की हानि हो सकती है। पिताजी के साथ किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। आपकी सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है इसलिए अपनी सेहत पर पूरी तरह से ध्यान दें और मानसिक तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें। किसी मुद्दे पर वरिष्ठ जनों से वैचारिक मतभेद होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ सकता है।       *कुंभ*   सूर्य आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान किसी कारण आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ऐसा कोई भी काम न करें जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो। आपके पिछले कर्मों का फल आपको इस गोचर के दौरान मिलने वाला है। शत्रुओं से आपका सामना हो सकता है। यदि बल और बुद्धि दोनों से दुश्मन का सामना करते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अन्यथा किसी रोग का सामना करना पड़ सकता है। ग़ैरक़ानूनी काम से दूर रहें। इस अवधि में जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से गुज़रना पड़ सकता है। अप्रत्याशित ख़र्चे भी आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है इसलिए धन का ख़र्च सोच समझकर करें और बचत पर ज़्यादा ध्यान दें।       *मीन*   सूर्य आपकी राशि से सप्तम भाव में जाएगा। इस दौरान जीवनसाथी से मतभेद होने के संकेत हैं। अहंकार आपके वैवाहिक रिश्ते में खटास पैदा कर सकता है, इसलिए इसका त्याग करें। इसके अलावा गोचर के दौरान जीवनसाथी और बच्चों की सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है अतः उनकी सेहत पर भी ध्यान दें। व्यापार के लिए परिस्थितियाँ आपके लिए अनुकूल नहीं है। बिज़नेस पार्टनर के साथ किसी तरह का विवाद हो सकता है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। यात्रा के दौरान आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। अपच, पेटदर्द, सिरदर्द एवं मानसिक तनाव जैसी समस्याएँ आपको घेर सकती हैं, लिहाज़ा पहले से सेहत को लेकर सतर्क रहें।    
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सभी ग्रहों में से शुक्र ग्रह को सबसे चमकीला ग्रह माना जाता है, जो प्रेम का प्रतीक होता है। जहाँ शास्त्रों अनुसार शुक्र को असुरों के देवता शुक्राचार्य बताया गया है, तो वहीं ज्योतिष विज्ञान में इसे स्त्री गृह माना गया है। शुक्र मनुष्य की कामुकता, उसके सौंदर्य, भौतिक सुख और ऐश्वर्य का कारक प्राप्त होता है। जिसके कारण जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में या मजबूत होता है तो उसके परिणामस्वरूप जातक व्यक्तित्व से आकर्षक, सुंदर और मनमोहक होता है। शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति जीवनभर सुखी रहता है। इसीलिए शुक्र को सुंदरता और सुख का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र की स्थिति का प्रभाव सौरमंडल के सभी ग्रहों में से शुक्र की चमक एवं शान सबसे अलग व निराली मानी जाती है, जिस कारण हर किसी की राशि में शुक्र की स्थिति का खासा महत्व होता है। इसके विपरीत जिस भी कुंडली में शुक्र निर्बल या कमज़ोर होता है तो ज्योतिषी अनुसार वो व्यक्ति शुक्र की आराधना कर उसे अपनी राशि में बलवान बनाकर उनसे सुख व ऐश्वर्य की प्राप्ति कर सकता है। शुक्र की शान्ति के लिए करें कुछ विशेष उपाय जैसा सभी जानते हैं कि आज हम अपने जीवन में सुख-सुविधाओं की वस्तुओं पर अधिक खर्च करते हैं, जिसका संबंध सीधे तौर पर शुक्र से होता है। इसलिए ही कहा गया है कि यदि अपने स्थान परिवर्तन के दौरान शुक्र की स्थिति किसी भी कुंडली में खराब या नकारात्मक हो जाती है या कोई भी अपने जीवन को ऐश्वर्य और आराम से भरपूर बनाना चाहते हैं तो उस व्यक्ति को विशेष तौर से शुक्र के कारगर उपाय करने चाहिए। शुक्र का गोचर ऐसे में शुक्र देव हमेशा की तरह एक बार पुनः अपना राशि परिवर्तन करते हुए अपने शत्रु ग्रहण सूर्य की राशि सिंह से निकलकर अपने मित्र ग्रह बुध की राशि कन्या में अपना स्थान परिवर्तन करने वाले हैं। जिसके चलते शुक्र मंगलवार, 10 सितंबर 2019 को 01:24 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा जो वहां 4 अक्टूबर 2019 तक इसी राशि में स्थित रहेगा। इसलिए इससे करीब-करीब हर राशि प्रभावित होंगी। अशुभ शुक्र के लिए अवश्य करें ये काम वैदिक ज्योतिष में अशुभ शुक्र की शांति के लिए जातक को उससे संबंधित कारगर उपाय करने की सलाह दी गई है। अपनी राशि में शुक्र की मज़बूती के लिए कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना चाहिए। जिसमें चाँदी, चावल, दूध, श्वेत वस्त्र आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा शुक्र के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए जातक को हर शुक्रवार दुर्गाशप्तशती का पाठ करना भी उचित माना गया है। कन्या पूजन एवं शुक्रवार का व्रत करने से भी शुक्र के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शुक्र को बली या मजबूत करने के लिए जातक को अच्छी क्वालिटी का हीरा धारण करना चाहिए। इसके साथ ही यदि किसी कारणवश हीरा पहनना संभव न हो तो व्यक्ति अर्किन, सफेद मार्का, ओपल, स्फटिक आदि किसी भी शुभ वार, शुभ नक्षत्र और शुभ लग्न में धारण कर सकता है। हर शुक्रवार शुक्र देव की पूजा के दौरान शुक्र के बीज मंत्र का जाप करना भी शुभ माना गया है ॐ शुं शुक्राय नमः। ॐ हृीं श्रीं शुक्राय नमः। शुक्र की शान्ति के लिए कारगर तांत्रिक उपाय काली चींटियों को चीनी खिलाना शुक्र से शुभ फलों की प्राप्ति हेतु बेहद कारगर होता है। शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना भी शुभ होता है। शुक्र को प्रबल बनाने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करें जिसकी एक आँख खराब हो। 10 वर्ष से कम आयु की कन्याओं का हर शुक्रवार पूजन करें। घर के फर्श पर और रसोई घर में सफेद पत्थर लगाएँ। किसी कन्या के विवाह में कन्यादान से भी शुक्र के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शुक्र देव से जुड़े कुछ विशेष मंत्र जीवन में आर्थिक संपन्नता, प्रेम और आकर्षण में वृद्धि हेतु जातक को शुक्र के बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का उच्चारण करने की सलाह दी जाती है। इस मन्त्र का कम से कम 16000 बार उच्चारण करने से मान्यता अनुसार शुक्र के गोचर के दौरान उसके अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके अलावा देश-काल-पात्र सिद्धांत के अनुसार शुक्र के अशुभ प्रभावों को कम करने और राशि में उसके शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस बीज मंत्र का 64000 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा शुक्र को शांत करने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः।” मंत्र का जाप भी किया जा सकता है। *********
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*मंगल का हुआ कर्क राशि में गोचर, देखिये अपनी राशि पर असर।* *मंगल ने किया चंद्र की राशि कर्क राशि में प्रवेश, सभी 12 राशियों पर दिखेगा असर। जानें आपकी कुंडली पर कैसा होगा इस गोचर का असर। * सौर मंडल में मंगल ग्रह को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कहा जाता है कि मंगल ग्रह धरती और उसके जीवों को कई सारी आपदाओं से बचाने में मदद करता है। जैसे मंगल ग्रह धरती को शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचाता है। इसके साथ ही माना गया है कि मंगल ग्रह के कारण ही नीले समुद्र में मूँगे का जन्म होता है और यही विशेष कारण है कि प्रकृति में लाल रंग की उत्पत्ति हुई है।  ज्योतिष शास्त्रों में मंगल ग्रह को बेहद क्रूर ग्रह माना गया है। मंगल ग्रह को अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व प्राप्त है, इसलिए इसे अंगारे जैसा रक्त वर्ण भौम यानि भूमि पुत्र का दर्जा भी दिया गया है। लेकिन ये केवल अशुभ हो, ये आवश्यक नहीं। हर कुंडली के लिए मंगल अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने में सक्षम है। वहीं अगर लाल किताब की मानें तो उसमें मंगल ग्रह को नेक और मंगल को शुभ और कभी-कभी अशुभ फल देने वाला ग्रह अलग-अलग रूप में माना गया है जिसके चलते ही जातक को मंगल ग्रह के फल और अन्य सभी बातों को अलग-अलग बताया गया है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में मंगल के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। जिसके निवारण हेतु आपको इससे उपाय भी सुझाए गए हैं।  मंगल देव को युद्ध के देवता की उपाधि भी दी गयी है, जिन्हें शारीरिक ऊर्जा, आत्मविश्वास, अहंकार, क्रोध, वीरता और साहस जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व भी प्राप्त है। इसी कारण जिस भी जातक की कुंडली में मंगल कमज़ोर होता है तो ये देखा गया है कि इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को रक्त संबंधी समस्याएं, फोड़े, फुंसी, दुर्घटनाएँ आदि से जुड़ी कोई परेशानी रहती है और वह जातक आमतौर से थोड़ा डरपोक प्रवृत्ति का होता है। आइये जानें जातक के मंगल कमज़ोर या दुर्बल होने के पीछे क्या कारण होते हैं:-  भगवान हनुमान या श्री राम जी का मज़ाक उड़ाने या उनका अपमान करने से जातक का मंगल दुर्बल हो जाता है।अपने धर्म धर्म का पालन नहीं करने से भी जातक का मंगल खराब हो जाता है। घर या कार्य स्थल का पश्‍चिम कोण यदि अशुद्ध हो तो जातक का मंगल भी खराब होगा।अपने भाई या किसी मित्र या क़रीबी को दुश्मन बनाने से इसका बुरा असर आपके मंगल के ऊपर पड़ता है।निरंतर क्रोध करते रहने से मंगल ग्रह का कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव दिखता है।किसी भी कुंडली के चौथे और आठवें भाव में मंगल का होना बेहद अशुभ माना गया है।किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो वो एक पिंजरे में बंद शेर की भाँति हो जाता है।सूर्य और शनि के साथ मिलकर मंगल अशुभ बन जाते हैं।मंगल के साथ केतु हो तो उसका बेहद अशुभ फल जातक को भुगतना पड़ता है। मंगल के साथ शत्रु ग्रह बुध का होना अशुभ फलों की प्राप्ति कराता है।  हर राशि के लिए मंगल का प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इसके किसी कुंडली में बली या मजबूत होने पर जहाँ ये जातक को अच्छे फल देता है। वहीं कुंडली में मंगल के खराब होने पर जातक को कई गंभीर बीमारी या समस्या होने का खतरा सदैव बना रहता है। जानते हैं मंगल के खराब होने से जातक को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है: मंगल ग्रह को हौसले, बल शक्ति और लड़ाई का प्रतीक बताया गया है। इसलिए यदि व्यक्ति डरपोक है तो उसका मतलब उसका मंगल खराब है।जिस भी जातक का मंगल खराब या कमज़ोर होता है तो उस जातक के बड़े भाई पर उसका अशुभ फल पड़ता है। मंगल के खराब होने पर जातक को संतान सुख की प्राप्ति होने में अड़चनें आती हैं। मंगल खराब होने पर व्यक्ति हर समय झगड़ता रहता है। मंगल के अशुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति को जेल या कोर्ट -कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं।  *गोचर काल का समय* अब यही पराक्रम और साहस का कारक लाल ग्रह मंगल 22 जून 2019, शनिवार को मिथुन से कर्क राशि में गोचर करने जा रहा है। मंगल का ये गोचर रात्रि 23:21 बजे कर्क राशि में होगा, जिसके बाद मंगल 9 अगस्त 2019 की सुबह 04:32 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। इस राशिफल के अनुसार जानते हैं मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या होगा प्रभाव, लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं कि ये गोचर देशभर में क्या बदलाव लेकर आने वाला है:- *मंगल गोचर का शेयर बाज़ार पर प्रभाव* मंगल ताँबा, सोना, लोहा एवं अन्य धातुएं, मशीनरी, चौपाये, गुड़, धनिया, हल्दी, गन्ना, मुनक्का, किशमिश, लौंग, सुपारी, किराना, लाल मिर्च, चाय, शराब, छुहारा, मसूर, मोठ तथा गेहूं को नियंत्रित करता है। इसके अतिरिक्त मंगल को बिजली अर्थात ऊर्जा का स्वामित्व प्राप्त होता है इसलिए अपनी नीच राशि कर्क में गोचर करने के कारण इन वस्तुओं के दामों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।  *मंगल का राजनीति पर प्रभाव* हाल ही में आए लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों में जिस प्रकार बीजेपी को पीएम मोदी की अच्छी छवि का फायदा मिला। दरअसल उसके पीछे का कारण भी उनकी कुंडली में मंगल देव द्वारा रूचक योग बनाकर उन्हें अधिक शक्तिशाली बनाना शामिल है। उनकी कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति में होना और नवम भाव में हो रहा ये गोचर उनके लिए बेहद अच्छा माना जा रहा है। इस गोचर के दौरान उन्हें और सफलताएँ एवं वाह-वाही मिलेगी।  *मंगल के गोचर से देश पर पड़ेगा ऐसा असर* इसके अलावा 22 जून को जिस प्रकार मंगल अपनी नीच राशि कर्क में गोचर कर रहा है। उसी प्रकार 21 जून को मंगल के शत्रु ग्रह बुध का भी कर्क राशि में ही गोचर हुआ, जिसके चलते भारत के अपने पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ने या उसमें खटास आने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे में इस गोचर के चलते देश भर के नेतों की जुबान खराब हो सकती है जिसके चलते आपको बीच-बीच में नेताओं से अपशब्द या जुबानी जंग सुनने को मिलती रहेगी। जिससे देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो सकती है।  *चलिए अब जानते हैं कैसा रहेगा 12 राशियों पर मंगल के कर्क राशि में हो रहे गोचर का विशेष प्रभाव* मेष मंगल का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में हो रहा है। इस भाव से हम माता, गृह निर्माण, वाहन सुख आदि के बारे में विचार करते हैं। मंगल के इस गोचर के आपको मिलेजुले परिणाम मिलेंगे। अपने माता-पिता का इस दौरान आपको विशेष ख्याल रखना होगा उनकी सेहत में गिरावट आ सकती है। वैवाहिक जीवन में आपको चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आपका जीवनसाथी इस दौरान किसी बात को लेकर आपसे नाराज़ हो सकता है। उनकी नाराज़गी को दूर करना चाहते हैं तो उनके साथ ज्यादा तर्क-वितर्क न करें। वक्त के साथ चीजें सकारात्मक रूप लेंगी। इस राशि के नौकरी पेशा लोग कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इस गोचर के चलते आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी और आप इस ऊर्जा को अच्छी तरह से इस्तेमाल भी कर पाएंगे। इस दौरान कुछ जातकों की आमदनी में वृद्धि होने की संभवना भी है। उपाय: मंगलवार को अनंतमूल की जड़ी अपनी भुजा में पहनें। वृषभ मंगल के कर्क राशि में प्रवेश करते ही आपका तृतीय भाव सक्रिय हो जाएगा। काल पुरुष कुंडली में यह भाव मिथुन राशि का है और यह आपके साहस और पराक्रम का कारक होता है। इस भाव में मंगल के गोचर से आपकी संकल्प शक्ति में इज़ाफा होगा। आप जो सोचेंगे उसे करने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी चीज की अति न करें इससे आपको नुक्सान हो सकता है। तृतीय भाव में मंगल के गोचर के चलते आपके छोटे भाई-बहनों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, इसलिए उनकी सेहत का ख्याल रखें। आपके जीवनसाथी को कार्यक्षेत्र में कामयाबी मिलने के योग हैं। यह गोचर समाज में आपके मान-सम्मान को भी बढ़ाएगा और इस दौरान आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे। हालांकि आपको बेवजह के विवादों में इस समय नहीं पड़ना चाहिए। इस राशि के कुछ जातक इस दौरान छोटी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। उपाय: मंगलवार के दिन लाल मसूर का दान करें। मिथुन मंगल का गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में हो रहा है। यह भाव धन और वाणी का कारक माना जाता है। द्वितीय भाव में मंगल के गोचर के चलते आपकी वाणी में कर्कशता आ सकती है। अगर आप शादीशुदा हैं तो आपका जीवनसाथी आपकी बातों से इस दौरान आहत हो सकता है। पारिवारिक जीवन में भी इस दौरान आप आक्रामक हो सकते हैं और आपका व्यवहार परिवार के सदस्यों को भी ठेस पहुंचा सकता है। आर्थिक पक्ष इस अवधि में मजबूत होगा। सेहत पर इस वक्त ध्यान देने की जरूरत है, आपका गलत व्यवहार आपको मानसिक तनाव दे सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको एकांत में समय बिताने की जरूरत है और खुद का आकलन करने की आवश्यकता है। छात्र इस दौरान गलत संगति से बचकर रहें और जितना हो सके अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। अगर आपको पाठ्यक्रम के किसी विषय में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो अपने गुरुजनों से बात करें। उपाय: ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को अनार का दान करें। कर्क मंगल ग्रह आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव या लग्न भाव में गोचर करेगा। काल पुरुष कुंडली में यह भाव मेष राशि का होता है और इस भाव से हम स्वभाव, स्वास्थ्य, आत्मज्ञान और आपके रंग रुप के बारे में विचार करते हैं। इस भाव में मंगल के गोचर से आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है। इस गोचर के चलते आपको छोटी-छोटी बातों से भी ठेस पहुँच सकती है और आप बात-बात पर भावुक हो सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपके क्रोध और अहंकार में भी वृद्धि देखी जा सकती है। जीवनसाथी के साथ बात करते समय शब्दों का सोच-समझकर इस्तेमाल करें आपकी कोई बात झगड़े का कारण बन सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपके अच्छे प्रयास आपको प्रगति के मार्ग पर ले जाएंगे। छात्रों के लिए यह गोचर अच्छा रहेगा, आप अपना ज्यादातर समय किताबों के बीच बिताना पसंद करेंगे। इस गोचर के दौरान आप विषम परिस्थितियों में भी अपने साहस के बल पर अच्छे परिणाम प्राप्त कर पाएंगे। उपाय: रोज़ाना चाँदी के बर्तनों का प्रयोग करें। सिंह आपकी राशि से द्वादश भाव में मंगल का गोचर होगा। इस समयावधि में आप नौकरी या उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेश जा सकते हैं। वहीं इस राशि के जो लोग पहले से ही विदेशों में रह रहे हैं उन्हें थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में इस दौरान आपको सफलता मिलेगी। आर्थिक पक्ष थोड़ा कमजोर रह सकता है इस समय आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है जिसकी वजह से आपको मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में भी संभलकर चलने की आवश्यकता है इस समय आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करें और गप्पबाजी से बचें। जीवन की आपाधापी में खुद के लिए भी वक्त निकालना सीखें। इस राशि की गृहणियों को जीवनसाथी से कोई तोहफ़ा मिल सकता है। यह तोहफ़ा रिश्ते में नयी ताज़गी ला सकता है। उपाय: मंगल बीज मंत्र का जाप करें। कन्या आपके एकादश भाव में मंगल के गोचर से आपको जीवन के किसी क्षेत्र में उच्च लाभ मिलने की पूरी संभावना है। इस गोचर के चलते आपको आर्थिक परेशानियां नहीं होंगी और धन का आगमन किसी न किसी स्रोत से होता रहेगा। आर्थिक पक्ष मजबूत होने के कारण आप जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान लगा सकेंगे। वैवाहिक जीवन में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके प्रति जीवनसाथी के प्रेम में कमी आ गई है। प्रेम संबंधों में पड़े इस राशि के जातकों को अपने संगी के प्रति ईमानदार होने की जरूरत है। सामजिक जीवन में आपको अच्छे फल मिलेंगे। अपने दोस्तों के साथ आप सैर-सपाटे पर जा सकते हैं। नौकरी पेशा लोग कार्यक्षेत्र में अपना प्रभुत्व बनाएंगे। आपके विरोधी इस दौरान आपके सामने टिक नहीं पाएंगे। कारोबारियों को इस दौरान किसी ऐसे काम से लाभ हो सकता है जिसमें सफलता मिलने की उनको उम्मीद नहीं थी। उपाय: तांबा एवं लाल पुष्प का दान करना आपके लिए शुभ होगा। तुला मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। दशम भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। पारिवारिक मोर्चे पर आपको इस दौरान संभलकर चलने की जरूरत है। इस गोचर के दौरान घर में किसी बात को लेकर वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है। मंगल के प्रभाव से इस दौरान आपका स्वभाव भी उग्र रहेगा। अपनी वाणी पर संयम रखने की कोशिश करें। नौकरी पेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपका अच्छा काम बॉस की नजरों में आ सकता है और आपको पदोन्नति मिल सकती है। स्वास्थ्य को लेकर इस दौरान गंभीर होने की जरूरत है, ऐसे में जितना हो सके घर से बाहर भोजन करने से बचें। प्रेम में पड़े इस राशि के जातकों के जीवन में अड़चनें आ सकती हैं। छात्रों को भी पढ़ाई से ज्यादा इस समय खेलने-कूदने में मजा आएगा। खेलना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन पढ़ाई के लिए भी समय अवश्य निकालें। उपाय: मंगलवार के दिन शिवलिंग पर गेहूँ एवं चना चढ़ाएँ। वृश्चिक भविष्यफल के अनुसार मंगल का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में हो रहा है। इस भाव को धर्म भाव भी कहा कहा जाता है। यह भाव कारक है धर्म का, भाग्य का, गुरु और गुरुतुल्य लोगों का। इस समय में आपको अच्छे फल पाने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ेगा। पिता से आपके संबंध बिगड़ सकते हैं और उनकी सेहत में गिरावट भी देखी जा सकती है। भाई-बहनों से रिश्ते बिगड़ सकते हैं इसलिए अपने अहम को पीछे रखकर उनसे बात करें। कार्यक्षेत्र में इस दौरान आपको सफलता मिलेगी और इस राशि के कुछ लोग जॉब में परिवर्तन भी कर सकते हैं। धर्म के प्रति आपका रुख इस दौरान अच्छा नहीं रहेगा। धर्म की बातों में आप कोई दिलचस्पी नहीं लेंगे। इस दौरान आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकता हैं। छात्रों को पढ़ाई के प्रति सकारात्मक रुख अपनाने की जरूरत है। अगर पढ़ाई में आपका मन नहीं लग पा रहा है तो योग ध्यान का सहारा लें आपको फायदा मिलेगा। उपाय: मंगलवार को अनंतमूल की जड़ अपनी भुजा या गले में धारण करें। धनु मंगल ग्रह आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। इस भाव में मंगल के गोचर के चलते इस राशि के जातकों को जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपकी बातों का लोग गलत अर्थ निकाल रहे हैं। ऐसी स्थिति आपको खिन्न करेगी लेकिन फिर भी आप खुद को संभाल लेंगे। इस समय आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है इसलिए अपने स्वास्थ्य का इस वक्त ध्यान दें। वैवाहिक जीवन में तकरार की स्थिति बन सकती है। अपने पिता के स्वास्थ्य का भी इस दौरान आपको ख्याल रखना होगा, उन्हें कोई छोटी-मोटी परेशानी भी हो तो डॉक्टर के पास ले जाएं। अगर आप वाहन चलाते हैं तो इस दौरान नियमों का उल्लंघन न करें। इस राशि के जो लोग साधना करते हैं वो इस दौरान मदिरा और माँस का सेवन न करें तो अच्छा रहेगा। आपके भाई-बहनों को इस दौरान जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उनके साथ समय बिताकर आपको उनकी उलझनें दूर करनी चाहिए। उपाय: चाँदी का कड़ा हाथ में पहनें। मकर मंगल ग्रह आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर करेगा। काल पुरुष की कुंडली में यह स्थान तुला राशि का होता है। इस भाव से मुख्य रूप से हम जीवन में होने वाली साझेदारियों के बारे में विचार करते हैं। मंगल के गोचर से आपके जीवन में थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको अपने क्रोध पर भी नियंत्रण रखने की जरूरत है। जीवनसाथी के साथ तकरार न हो इसलिए जितना हो सके ठंडे दिमाग से उनके साथ बात करें। यह समय कार्यक्षेत्र में भी बहुत अच्छा नहीं रहेगा आपको कड़ी मेहनत के बाद ही अच्छे परिणाम मिलेंगे। छात्रों को इस दौरान यार दोस्तों से थोड़ा दूर रहना चाहिए नहीं तो आपकी पढ़ाई पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप सिंगल हैं तो किसी विपरीत लिंगी की तरफ आज आकर्षित हो सकते हैं। हालांकि किसी भी रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले आपको सामने वाले के बारे में ठीक से जान लेना चाहिए। उपाय: मंगलवार के दिन गुड़ का दान करें। कुंभ आपके षष्टम भाव में मंगल ग्रह का गोचर होगा। इस दौरान किसी अन्य के मामले में टांग अड़ाने से आपको बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करके आप अपना ही नुकसान कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन इस समय सामान्य रहेगा हालांकि अपने विरोधियों पर इस दौरान आप हावी रहेंगे। पारिवारिक जीवन जैसा चल रहा है वैसा चलता रहेगा लेकिन वैवाहिक जीवन में थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। ख़र्चों में वृद्धि होने के कारण चिंतित हो सकते हैं। छात्रों को उन दोस्तों से दूर रहने की जरूरत है जो आपका समय बर्बाद करते हैं। गलत संगति में रहने से अच्छा है आप अकेले वक्त बिताएं। कारोबारी लोग जिन योजनाओं को लागू करने के बारे में सोच रहे हैं उनपर उन्हें ठंडे दिमाग से विचार करने की जरूरत है। उपाय: मंगवार के दिन लाल चंदन का दान करें। मीन मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में हो रहा है। इस भाव को संतान भाव भी कहा जाता है। इस भाव में मंगल के गोचर के चलते आपके बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं इसलिए उनका ख्याल रखें। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को कार्यक्षेत्र में लाभ मिलेगा, इस अवधि में आपकी आमदनी में वृद्धि हो सकती है। छात्रों के लिए यह समय थोड़ा कठिन होगा, पढ़ाई से इस दौरान आपका ध्यान बार-बार भटकेगा। हालांकि इस राशि के कुछ छात्र इस दौरान पढ़ने के लिए विदेश जा सकते हैं। दांपत्य जीवन में ख़ुशियाँ आएंगी, आपके जीवनसाथी को इस दौरान अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है। अगर किसी से प्रेम करते हैं तो इस दौरान उनको प्रपोज न करें। जो लोग पहले से ही प्रेम में पड़े हैं उन्हें अपने संगी के साथ आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए साथ बैठकर बात करनी चाहिए। उपाय: हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं।
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सूर्य का कन्या राशि में गोचर- 16 september 2020 सूर्य के गोचर को सूर्य संक्रांति कहा जाता है। इस लिहाज़ से प्रत्येक वर्ष में कुल बारह संक्रांतियां पड़ती हैं। सितंबर के महीने में सूर्य देव राशि चक्र की पांचवी राशि सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस दिन को कन्या संक्रांति भी कहा जाता है। ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। सूर्य देव 16 सितंबर 2020 को 19 बज-कर 07 मिनट पर सिंह से कन्या राशि में गोचर करेंगे 17 अक्टूबर 07 बज-कर 05 बजे तक सूर्य देव इसी राशि में रहेंगे और उसके बाद तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसके अलावा ज्योतिष में सूर्य को पिता का भी कारक माना गया है। जहाँ चंद्रमा, मंगल और गुरु सूर्य के मित्र हैं, वहीं राहू, केतु, शुक्र, और शनि से सूर्य की कुछ ख़ास नहीं बनती है और बुध से सूर्य का समभाव का रिश्ता होता है। कुंडली में सूर्य यदि शुभ स्थान पर हो तो इससे व्यक्ति को मान-सम्मान, सरकारी नौकरी और राजनीतिक जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है। वहीं सूर्य के अशुभ प्रभाव से इन्सान की कुंडली में पितृ दोष, नौकरी में असफलता, मान-सम्मान की कमी और नेत्र पीड़ा इत्यादि दुःख भोगने पड़ते हैं।   जन्म लग्न कुंडली या चंद्र राशि से आप पर सूर्य से लेकर राहु केतु ग्रह गोचर का क्या प्रभाव रहेगा ,ग्रहों के इस राशि परिवर्तन का अपने जीवन पर सटीक और व्यक्तिगत असर जानना चाहते हैं तो फ्यूचर स्टडी ऑनलाइन एप के प्रोफाइल पर जाकर आप मुझसे बात कर सकते हैं
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