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कैसे रखे प्रतिष्ठान का नाम

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कैसे रखें प्रतिष्ठान का नाम किसी भी फर्म कारखाना दुकान या किसी भी संस्था का नाम उसका मुकुट या बीजारोपण होता है जब हम किसी पेड़ को लगाते है तो सही भूमि सही समय का चयन करते है।इसके बाद वह पेड़ फलता फूलता है तब हम उसकी शीतल छांव मे आश्रय लेते है उसके फल खाते है।इसी तरह फर्म के नामकरण के समय सभी सदस्यों की पत्रिका अपनी कुल की परम्परा अपने कुल के देव कुल का हानि लाभ भाग्यवर्धक दिशा का चयन करना चाहिये।जिस स्थान मे फर्म डाल रहे है उस स्थान की भूमि कैसी है उसके वास्तुदोष का भी निराकरण करना चाहिये। भाग्यवर्धक नामअक्षर फर्म आपकी मां होती है जिस तरह मां सभी को पालती है उसी तरह फर्म भी सभी का पोषण करती है इसके साथ सभी लोगों को भाग्य जुड़ा रहता है।इसिलिये अच्छी तरह से सोच समझकर पंजीकरण किया गय़ा नाम आपके भाग्य को बुलंदियों पर पहुँचाता है। भाग्यवर्धक नामअक्षर का राशि के अनुसार चुनाव कैसे करे *मेष*-इस राशि वालों को म,ध,अ ,ह ये नाम भाग्यवर्धक रहेंगे। *वृषभ*-इस राशि के लिये प,ज ,व का नाम भाग्यवर्धक रहेगा। *मिथुन*-इस राशि वालों को क,र,स ये नाम शुभ रहेंगे। *कर्क*-इस राशि के लिये ह,न,ज,द अक्षर शुभ रहेंगे। *सिंह*-इस राशि के लिये म,ध,अ अक्षर शुभ रहेंगे। *कन्या*-इस राशि के लिये प,ज,द,व अक्षर भाग्यशाली रहेंगे। *तुला*-इस राशि वालों को र,स,क इन नाम अक्षर से शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। *वृश्चिक*-इस राशि वालों को द,ह,न ये नाम शुभ परिणाम दायक रहेंगे। *धनु*-इस राशि वालों को अ,म,क नाम शुभ रहेंगे। *मकर*-इस राशि वालों को प,व,र ये नाम शुभ परिणाम दायक रहेंगे। *कुम्भ*-इनके लिये र,म,क ये नाम शुभ है। *मीन*-इनके लिये ह,न,प ये नाम परम शुभ रहेंगे। *दुकान,संस्थान,उद्योग का नामकरण* आपके आर्थिक हित तथा अन्य लोगो से जुड़े संस्थान के नामकरण मॆ विशेष सावधानी बरतनी चाहिये.इनके नामकरण मॆ चतुर्थ,भाग्य तथा शनि की अनुकूल स्थिति आपको विशेष लाभ देगी.कोई भी नामकरण कोई मामूली नही विशेष महत्वपूर्ण है.

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ज्योतिर्विद् अभय पाण्डेय
9450537461
posted Sep 17, 2017 by anonymous

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6 जुलाई से सावन का महिना शुरू गया है भोलेनाथ को ये महिना अति प्रिय है इस दिन देवो के देव महादेव यानी भगवान् शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है और इनकी पूजा अत्यन्य फलदायी होती है इस वार सावन के महीने में 5 सोमवार होंगे यानि सावन 6 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त को ख़त्म होगा ! ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान् शिव की पूजा करने से जीवन के कष्टों से निवारण मिलता है ! सच्चे मन से भगवान् शिव की आराधना करने से मन वांछित फल मिलता है ! सावन का व्रत शुरू करने की विधि सोमवार का व्रत सूर्य उदय से शुरू होकर तीसरे प्रहार तक होता है, दिन में एक समय हो भोजन करना चाहिए, नमक नहीं खाना चाहिए ! ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर, घर की सफाई करें, फिर स्नान आदि करके घर में गंगाजल का छिडकाव करें ! उसके बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान् शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चहिये ! शिव चालीसा का पाठ करें ! निम्न में से किसी भी मंत्र का 7, 11, 21 माला का उच्चारण करे, शिवलिंग में जल चढ़ाये, बेल पत्र, भांग चन्दन आधी चढ़ाये ! ॐ नमः शिवाय ॐ जूं स : ॐ ह्रीं नमः शिवाय शाम को सूर्य उदय पश्चात् भगवान् शिव की धुप द्वीप और चन्दन से पूजा करें ! पूजा के पश्चात् कथा सुने, आरती करने के वाद भगवान् शिव और देवी पारवती को भोग लगाये, आरती का प्रसाद वितरण करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करें ! इस तरह से पहले सोमवार से सावन के आखरी सोमवार तक व्रत का पालन करना चाहिए ! माना जाता है कि सावन के महीने में आने वाले सोमवार के व्रत करने से इसका फल 16 सोमवार के फल के बराबर मिलता है ! जो भी भक्त सच्चे मन से सावन का व्रत रखता है और विधि अनुसार पूजा करता है उसे मन वांछित फल प्राप्त होता है ! सावन के व्रत में न करे ये काम सावन के व्रत के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए, गुस्सा नही करना चाहिए, बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए और किसी के लिए मुख से अपशव्द नहीं कहने चाहिए ! ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए, अनैतिक कार्य से दूर रहे ! शाश्त्रो के अनुसार बैंगन को अशुद्ध मन जाता है इसलिए इस महीने बैंगन खाने से परहेज़ करें ! मांस मदिरा का सेवन आदि न करें इससे आपको जीव हत्या का पाप लगता है साथ ही मन में अशांति बनती है ! पेड़ पौधों को तोड़ने से पाप लगता है !
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