श्रीगणेश बुद्धि के देवता हैं । अक्षरों को ‘गण’ कहा जाता है, उनके ईश होने के कारण इन्हें ‘गणेश’ कहा जाता है । इसलिए श्रीगणेश ‘विद्या-बुद्धि के दाता’ कहे गये हैं । आदिकवि वाल्मीकि ने श्रीगणेश की वन्दना करते हुए कहा है—‘गणेश्वर ! आप चौंसठ कोटि विद्याओं के दाता तथा देवताओं के आचार्य बृहस्पतिजी को भी विद्या प्रदान करने वाले हैं । कठ को भी अभीष्ट विद्या देने वाले आप है (अर्थात् कठोपनिषद् के दाता है) । आप द्विरद हैं, कवि हैं और कवियों की बुद्धि के स्वामी हैं; मैं आपको प्रणाम करता हूँ ।’ श्रीगणेश असाधारण बुद्धि व विवेक से सम्पन्न होने के कारण अपने भक्तों को सद्बुद्धि व विवेक प्रदान करते हैं । इसीलिए हमारे ऋषियों ने मनुष्य के अज्ञान को दूर करने, बुद्धि शुद्ध रखने व काम में एकाग्रता प्राप्त करने के लिए बुद्धिदाता श्रीगणेश की सबसे पहले पूजा करने का विधान किया है । श्रीगणेश की कृपा से कैसे मिलता है तेज बुद्धि का वरदान ? श्रीगणेश का ध्यान करने से भ्रमित मनुष्य को सुमति और विवेक का वरदान मिलता है और श्रीगणेश का गुणगान करने से सरस्वती प्रसन्न होती हैं । तीव्र बुद्धि और स्मरण-शक्ति के लिए श्रीगणेश का करें प्रात:काल ध्यान!!!!!! विद्या प्राप्ति के इच्छुक मनुष्य को प्रात:काल इस श्लोक का पाठ करते हुए श्रीगणेश के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए— प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम् उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड- माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ।। अर्थात्—जो अनाथों के बन्धु हैं, जिनके दोनों कपोल सिन्दूर से शोभायमान हैं, जो प्रबल विघ्नों का नाश करने में समर्थ हैं और इन्द्रादि देव जिनकी वन्दना करते हैं, उन श्रीगणेश का मैं प्रात:काल स्मरण करता हूँ । विद्या प्राप्ति और तीव्र स्मरण-शक्ति के लिए बुधवार को करें श्रीगणेश के ये उपाय !!!!!! ▪️बुध ग्रह भी बुद्धि देने वाले हैं । बुधवार के दिन गणेशजी की पूजा बहुत फलदायी होती है । श्रीगणेश अपनी संक्षिप्त अर्चना से ही संतुष्ट हो भक्त को ऋद्धि-सिद्धि प्रदान कर देते हैं । गणेशजी को प्रसन्न करना बहुत ही सरल है । इसमें ज्यादा खर्च की आवश्यकता नही है । ▪️स्नान आदि करके पूजा शुद्ध पीले वस्त्र पहन कर करें । ▪️पूजा-स्थान में गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति पूर्व दिशा में विराजित करें । श्रीगणेश को रोली, चावल आदि चढ़ाएं । कुछ न मिले तो दो दूब ही चढ़ा दें । घर में लगे लाल (गुड़हल, गुलाब) या सफेद पुष्प (सदाबहार, चांदनी) या गेंदा का फूल चढ़ा दें । ▪️श्रीगणेश को सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए । ▪️श्रीगणेश को बेसन के लड्डू बहुत प्रिय हैं यदि लड्डू या मोदक न हो तो केवल गुड़ या बताशे का भोग लगा देना चाहिए । ▪️एक दीपक जला कर धूप दिखाएं और हाथ जोड़ कर छोटा-सा एक श्लोक बोल दें– तोहि मनाऊं गणपति हे गौरीसुत हे । करो विघ्न का नाश, जय विघ्नेश्वर हे ।। विद्याबुद्धि प्रदायक हे वरदायक हे । रिद्धि-सिद्धिदातार जय विघ्नेश्वर हे ।। ▪️एक पीली मौली गणेशजी को अर्पित करते हुए कहें—‘करो बुद्धि का दान हे विघ्नेश्वर हे’ । पूजा के बाद उस मौली को माता-पिता, गुरु या किसी आदरणीय व्यक्ति के पैर छूकर अपने हाथ में बांध लें। ▪️श्रीगणेश पर चढ़ी दूर्वा को अपने पास रखें, इससे एकाग्रता बढ़ती है । ▪️‘ॐ गं गणपतये नम:’ इस गणेश मन्त्र का 108 बार जाप करने से बुद्धि तीव्र होती है । ▪️गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया है—‘जो लाजों (धान की खील) से श्रीगणेश का पूजन करता है, वह यशस्वी व मेधावी होता है ।’ अत: गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से भी विद्या, बुद्धि, विवेक व एकाग्रता बढ़ती है । बुद्धि के सागर और शुभ गुणों के घर गणेशजी का स्मरण करने से ही समस्त सिद्धियां प्राप्त हो जाती